नगरीय समाज कीकार्यशील महिलाओं के जिंदगी में उत्पन्न समस्याएँ: एक समाजशास्त्रीय अध्ययन (आगरा नगर की कौशल पुर बस्ती का एक वैयक्तिक अध्ययन)
Author Affiliations
- 1समाजशास्त्र एवं राजनीति विज्ञान विभाग, सामाजिक विज्ञान संकाय, दयालबाग शिक्षण संस्थान (डीम्ड टू वी यूनिवर्सिटी), दयालबाग, आगरा, उत्तर प्रदेश, भारत
- 2समाजशास्त्र एवं राजनीति विज्ञान विभाग, सामाजिक विज्ञान संकाय, दयालबाग शिक्षण संस्थान (डीम्ड टू वी यूनिवर्सिटी), दयालबाग, आगरा, उत्तर प्रदेश, भारत
Res. J. Language and Literature Sci., Volume 12, Issue (4), Pages 5-11, September,19 (2025)
Abstract
कार्यशील महिला शब्द का तात्पर्य घर से बाहर नौकरी करने वाली महिला के संदर्भ में लिया जाता है। वर्तमान समय में महिलाएं घर परिवार के साथ-साथ बाहर के क्षेत्र में भी अपनी भूमिका अदा कर रही हैं। वह अब केवल विद्यालयों,विश्वविद्यालयों तथा कार्यालयों में कार्य करने तक ही सीमित नहीं रहीं बल्कि उदद्योग-धंधों,कारखानों, न्यायालयों, प्रशासन, राजनीति तथा अन्य व्यावसायिक क्षेत्रों में भी कार्य कर रही हैं।कार्यशील महिलाएं आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो रही हैं।आत्मनिर्भरता के साथ-साथ उनके सामने दोहरी भूमिका निर्वाह की सबसे बड़ी समस्या सामने आती है। महिलाओं को नौकरी के साथ-साथ घर परिवार तथा बच्चों की भी पूरी ज़िम्मेदारी उठानी पड़ती है। इस प्रकार महिलाएं अपने घर के संचालन के लिए किसी भी प्रकार की नौकरी कर लेती हैं जिनके बदले उन्हें कभी-कभी कम वेतन भी प्राप्त होता है। इसी के साथ-साथ महिलाओं को एक साथ दोहरी जिंदगी जीनी पड़ती है तथा वह विभिन्न समस्याओं का सामना कर रही हैं। इन समस्याओं में पारिवारिक समस्याएँ, कार्य स्थल की समस्याएँ, निजी समस्याएँ आदि का सामना रोजमर्रा की जीवन शैली में शामिल होता है।
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